पाकिस्तानियों ने की हमें काटने की कोशिश, ये हुआ अंजाम!
पाकिस्तान के दिमाग़ ख़राब हो गये हैं। औक़ात से बढ़ कर बात कर रहे हैं। कह रहे हैं कि अगर इंडिया पाकिस्तान चैम्पियंस ट्रॉफी खेलने नहीं आया तो हम या तो ट्रॉफी की मेज़बानी नहीं करेंगे या हम इंडिया पर मुक़दमा ठोंकेंगे या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कौंसिल से कहेंगे कि इंडिया पर एक सख़्त कदम उठाइए। इंडिया के भी कुछ ग़द्दार कह रहे है कि भाई राजनीति को अलग रखो, खेल को अलग रखो। ये कह रहे हैं कि और खेलों में भी इंडिया की टीम पाकिस्तान जाती है, तो क्रिकेट में जाने में क्या आपत्ति है। हम इन ग़द्दारों को भी एक बात समझा दें। मोदी के राज्य में ये बात स्पष्ट कर दी गई है कि आतंक और खेल एक साथ नहीं होंगे। हम पाकिस्तान के साथ मैच तो खेलेंगे। पर पाकिस्तान में नहीं। पाकिस्तान के साथ मैच भी वहाँ खेलेंगे जो पाकिस्तान में नहीं होंगे। हम उस देश के साथ भाईचारा नहीं दिखायेंगे जो आये दिन हमारे घर में घुस के हमारे निर्दोष लोगों और सैनिकों को मारता है। आतंक का सहारा लेता है और पंजाब और कश्मीर को हमसे अलग करने की कोशिश करता है। जहां तक ये बात है कि हम बाक़ी के खेलों में तो खिलाड़ी पाकिस्तान भेजते हैं उसका जवाब ये है कि क्रिकेट और बाक़ी के खेलों में फ़र्क़ है। क्रिकेट के सुपरस्टार होते हैं और अगर उनके साथ कोई दुर्घटना हो गई तो बात युद्ध तक आज सकती है। ये सुपरस्टार करोड़ों दिलों की धड़कन है। अब आप ये तो नहीं कह सकते ना कि पाकिस्तान में आतंकवाद नहीं होता है। अभी क्वेटता में ही बम विस्फोट हुआ है जिसमें 26 जानें गयीं और 62 लोग घायल हुए। अब चलिए इन ग़द्दारों की तो बात हो गई। अब पाकिस्तान की धमकियों की बात कर लें। पाकिस्तान कहता है कि ये नहीं हो सकता कि टूर्नामेंट हम करायें और इंडिया पाकिस्तान में ना आये। और इंडिया अपने मैच पाकिस्तान के बाहर खेले। इसे हाइब्रिड मॉडल कहते हैं। यानी मिला जुला मॉडल। पाकिस्तान कहता है कि इससे हमारी काफ़ी इज्जत गिरेगी। पाकिस्तान की सरकार भी, ऐसी खबरें आ रही हैं कि इसके लिए तैयार नहीं है। अब जब इंडिया ने पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया है तो पाकिस्तान इसके ख़िलाफ़ क्या कदम उठा सकती है। पहला कदम: हम टूर्नामेंट करवायेंगे ही नहीं। मत करवाओ: जो दसियों लाखों डॉलर्स तुम्हें मेज़बानी के लिये मिलने वाले थे, वो नहीं मिलेंगे। दूसरा कदम: हम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कौंसिल से कहेंगे कि इंडिया पर सख़्त कदम उठाओ। उनपर आईसीसी की प्रतियोगताओं में प्रतिबंध लगा दो। उनको किसी भी आईसीसी की प्रतियोगता में खेलने मत दो। तो भाई आईसीसी की कब से ये औक़ात हो गई कि इंडिया पर कारवाही करे। आज आईसीसी चल रही है तो इण्डियन क्रिकेट की वजह से। विश्व के 70 फ़ीसदी क्रिकेट फैन्स इंडिया के हैं। आईसीसी की जो आमदनी होती है उसका 90 प्रतिशत पैसा भारतीय प्रयाजोकों के द्वारा मिलता है। आईसीसी ने सोचा भी तो कंगाली की कगार पर आ जायेगा। आईसीसी तो क्या पाकिस्तान की क्रिकेट भी कंगाल हो जाएगी। जो पैसा मिलता है वो इंडिया की वजह से मिलता है। भारत आईसीसी को 90 फ़ीसदी उसकी कमाई कमा के देता है और उसका सिर्फ़ 38 प्रतिशत पैसा लेता है। पाकिस्तान की इस कमाई का 6 प्रतिशत मिलता है जिससे उसकी रोज़ी रोटी चलती है। मतलब हमारी ही बिल्ली और हम पर ही मियाओं। पाकिस्तानियों समझ लो। होगा वहीं जो हम चाहते हैं। रोना का मन कर रहा है तो रो लो। पर हमसे उन आंसुओं को पोछने के लिये रूमाल की भी उम्मीद मत रखना।